Gold Rate New : डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। 5 दिसंबर, 2024 के एक्सपायरी ट्रेड में प्रति 10 ग्राम सोने में 543 रुपये की कटौती दर्ज की गई। यह गिरावट कई कारणों से प्रभावित हुई है, जिसमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां और मजबूत होता डॉलर प्रमुख हैं।
भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतें इस समय महत्वपूर्ण स्तर पर हैं। Taishq के आंकड़ों के अनुसार, 22 कैरेट सोना 73,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है, जबकि 24 कैरेट सोना 79,640 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है। 18 कैरेट सोना 59,730 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर है। चांदी की कीमत 91,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर है।
त्योहारी सीजन का बाजार पर प्रभाव
त्योहारी सीजन के दौरान बाजार में उल्लेखनीय तेजी देखी गई। दिवाली के समय 24 कैरेट सोने की कीमत 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंच गई थी। इसी तरह, चांदी भी 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम के महत्वपूर्ण स्तर को छू गई थी। हालांकि, त्योहारी सीजन के बाद से दोनों कीमती धातुओं में गिरावट का रुख देखा जा रहा है।
बाजार विशेषज्ञों का विश्लेषण
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक जतीन त्रिवेदी का मानना है कि वर्तमान बाजार में कई कारक प्रभावी हैं। डॉलर इंडेक्स की मजबूती, अमेरिकी बॉन्ड में तेजी, और ट्रंप की जीत ने बाजार को प्रभावित किया है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, $2,750 का स्तर महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तर है, जबकि MCX में ₹74,500-75,000 का मजबूत समर्थन स्तर बना हुआ है।
भविष्य की संभावनाएं
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी समय में कई महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं। सोने की कीमतों में और गिरावट की संभावना है, डॉलर की मजबूती जारी रह सकती है, और ट्रंप की नीतियों का प्रभाव बाजार पर देखा जा सकता है। मुद्रास्फीति की दरें भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
निवेशकों को इस समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। तकनीकी स्तरों पर नजर रखना, अंतरराष्ट्रीय बाजार की गतिविधियों का अध्ययन करना, और लंबी अवधि के निवेश की योजना बनाना महत्वपूर्ण है।
बाजार को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
वर्तमान में कई महत्वपूर्ण कारक बाजार को प्रभावित कर रहे हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां, ट्रंप की आर्थिक नीतियां, वैश्विक मुद्रास्फीति की स्थिति, भारतीय बाजार की मांग, और अंतरराष्ट्रीय बाजार के रुझान प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।
सोने की कीमतों में वर्तमान गिरावट अस्थायी प्रकृति की हो सकती है। निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हुए सोच-समझकर निवेश करना चाहिए। भविष्य में अमेरिकी नीतियों और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का प्रभाव सोने की कीमतों पर देखा जा सकता है। बाजार की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखना और सूचित निर्णय लेना महत्वपूर्ण होगा।